tag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post1526393256313221445..comments2023-08-21T20:08:03.188+05:30Comments on ॥ भारत-भारती वैभवं ॥: ओ भारत के नायको इक बार आ जाओAmit Sharmahttp://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-46249675733295623142011-03-07T17:07:04.097+05:302011-03-07T17:07:04.097+05:30बहुत सुन्दर
अच्छी कविता
बहुत बहुत धन्यवादबहुत सुन्दर <br />अच्छी कविता <br />बहुत बहुत धन्यवादलाल कलमhttps://www.blogger.com/profile/10463937302054552696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-70895897357615010512011-03-05T15:40:36.364+05:302011-03-05T15:40:36.364+05:30आधुनिकता की धुन पर
नाच रहा पागल मन
मन की इच्छा पूर...आधुनिकता की धुन पर<br />नाच रहा पागल मन<br />मन की इच्छा पूरी करने में<br />खर्च हो रहा जीवन का इंधन<br />इसीलिए आव्हान कर रहे हैं<br />तुम में बैठे राम का<br />हर पल कर क्षण<br />dont waste your life<br />just for freedom[?] and fun[?]एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-18692912862772160162011-03-05T15:31:48.058+05:302011-03-05T15:31:48.058+05:30मेरी उलटी सीधी कविता के बाद मैंने पढ़े कमेन्ट ........मेरी उलटी सीधी कविता के बाद मैंने पढ़े कमेन्ट .......और नजर जा कर रुकी इस लाइन पर<br /><br /><b>"आज़ उसे पिछड़ा और रूढ़िवादी समझा जाने लगा है जो नियम और मर्यादा की बात करता है." </b> <br /><br />प्रतुल जी ,<br />सही कहा ..बिलकुल सही कहाएक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-5835820136894664842011-03-05T15:27:11.407+05:302011-03-05T15:27:11.407+05:30युवाओं में पूरी जानकारी का अभाव
ऊपर से नकली स्वतंत...युवाओं में पूरी जानकारी का अभाव<br />ऊपर से नकली स्वतंत्रता के सपने का प्रभाव<br />सच्ची डरता हूँ कभी कभी<br />नकली किनारे दिखा दिखा के<br />कुछ लोगों को <br />हथिया ना ले कोई<br />विश्व की सबसे रिलाएबल नाव <br />अभी तो सबको ईजीली अवेलेबल है<br />बाद में अभाव में बढ़ेंगे भाव<br /><br />~~~~~~~~~~~~~~~~<br />पूरी जानकारी = मौजूद जानकारी की प्रमाणिकता <br />किनारे = लक्ष्य (अक्सर स्वतंत्रता का )<br />नाव = संस्कृतिएक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-82232330674470342552011-03-03T13:03:24.184+05:302011-03-03T13:03:24.184+05:30.
प्रिय अमित जी, नमस्ते.
आपने भारत के जिन नायक औ....<br /><br />प्रिय अमित जी, नमस्ते.<br /><br />आपने भारत के जिन नायक और नायिकाओं का नाम लेकर टेर लगायी है. <br />उसमें शांत चित्त से निकलती वेदना भली-भाँति चित्रित हो रही है. <br />हमारे मृत लोलुप शरीरों को आज़ ओजस्वी वचन भी जिलाते नहीं. <br />राम-कृष्ण-बुद्ध-नानक-गुरु गोविन्द आदि को केवल गुरुद्वारे और मंदिरों में पूज-पूजकर उन्हें वास्तव में जड़ बना दिया है. <br />अब तो लगता है कि उनके आदर्श भी जड़ हो चुके हैं. वे केवल पुस्तकों में पढ़ने में ही अच्छे लगते हैं. <br />उन्हें व्यावहारिक जीवन में उतारने को तो अब माता-पिता-गुरु भी मना करने लगे हैं. <br /><br />आज़ उसे पिछड़ा और रूढ़िवादी समझा जाने लगा है जो नियम और मर्यादा की बात करता है. <br /><br />फिर भी ऐसे समय में आप अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. मुझे प्रसन्नता है. यह भक्ति का धीमा स्वर गुरुद्वारे के सबद-कीर्तन सा सुख देता है और इसमें बसी वेदना हृदय को फाड़े डालती है. <br /><br />.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-88391056245777011132011-03-02T09:03:15.103+05:302011-03-02T09:03:15.103+05:30जिसको शर्म होगी उसे शर्म आ ही जायेगी....जिनको नहीं...जिसको शर्म होगी उसे शर्म आ ही जायेगी....जिनको नहीं है उनके लिए तो सारे प्रयास "बहुत बढ़िया लिखा है" तक ही असर कर पायेंगे.... <br /><br />कुंवर जी,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-69852070950370397082011-03-01T23:40:39.623+05:302011-03-01T23:40:39.623+05:30बहुत अच्छी ओर जाग्रुक करती कविता, धन्यवादबहुत अच्छी ओर जाग्रुक करती कविता, धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-79960266733079493822011-03-01T13:50:10.782+05:302011-03-01T13:50:10.782+05:30कविता का एक एक शब्द प्रेरित करता हुआ और जागृत करता...कविता का एक एक शब्द प्रेरित करता हुआ और जागृत करता हुआ. समय को ऐसी ही रचनाओं कि ज़रुरत है.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.com