tag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post479032927206541999..comments2023-08-21T20:08:03.188+05:30Comments on ॥ भारत-भारती वैभवं ॥: वह प्रभु एक ही है (एकात्मता - मंत्र)Amit Sharmahttp://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-67909621915614509582010-10-13T12:36:43.869+05:302010-10-13T12:36:43.869+05:30चर्चा मंच पर आपकी निम्न टिप्पणी बताती है की आपमें...चर्चा मंच पर आपकी निम्न टिप्पणी बताती है की आपमें एक अच्छा कवि मौजूद है.good. आपने १२.१०.२०१० के चर्चा मंच पर मेरी ग़ज़ल नहीं देखी न ही मेरा ब्लॉग: <br />kunwarkusumesh.blogspot.com देखा. समय हो तो देखिएगा.<br /><br />आप इकठ्ठा कर देते हो <br />मंच लगाकर अपनेपन में <br />अहंकार को छोड़ परस्पर <br />मिल जाते सब कुछ ही क्षन में<br /><br />कुँवर कुसुमेशKunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-7291491826356576512010-10-12T01:22:03.064+05:302010-10-12T01:22:03.064+05:30प्रतुल जी,
इस उलझाव भरी दुनिया में एक सुलझे विचार!...प्रतुल जी,<br />इस उलझाव भरी दुनिया में एक सुलझे विचार!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-28935833081786568762010-10-11T10:57:08.484+05:302010-10-11T10:57:08.484+05:30प्रतुल जी,
सुलझे हुए विचार!!
सत्यपरक, आत्म उद्धार ...प्रतुल जी,<br />सुलझे हुए विचार!!<br />सत्यपरक, आत्म उद्धार का मार्ग बता गये।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-9825576103665704422010-10-10T16:19:34.766+05:302010-10-10T16:19:34.766+05:30ईश्वर भजने बैठ गये हैं.
रंग-बिरंगा चोला पहने.
कोई ...ईश्वर भजने बैठ गये हैं.<br />रंग-बिरंगा चोला पहने.<br />कोई भजता निराकार को.<br />कोई गाता प्रेम तराने.<br />कोई लगाता उटठक-बैठक.<br />कोई प्रेयर को ही माने.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-25928564755501022782010-10-10T14:50:22.080+05:302010-10-10T14:50:22.080+05:30.
ई..... श्वर ............ एक.
धर्म ... भी ..........<br /><br />ई..... श्वर ............ एक.<br />धर्म ... भी ............ एक. <br />अनु ... यायी ......... अनेक. <br /><br />ईश्वर भजने बैठ गये हैं. <br />रंग-बिरंगा चोला पहने. <br />कोई भजता निराकार को. <br />कोई गाता प्रेम तराने. <br />कोई लगाता उटठक-बैठक. <br />कोई प्रेयर को ही माने. <br /><br />बाहर मोह, लोभ, वासनाओं ने जाल फैलाया था. <br />उसमें पड़े दानों को खाने वाली आत्मायें फँस गयी.<br />वहीं रहते थे धर्म के दस गुणी चूहे. <br />वे ही उस जाल को काट सकते थे. <br />जिस फँसी आत्मा ने मुक्ति की गुहार लगायी उसकी मदद की धृति, क्षमा, दम, अस्तेय, शौच, इन्द्रीय निग्रह, धी, विद्या, सत्य, अक्रोध नाम के उन पैने दाँत वाले चूहों ने. <br />उन्होंने वासना, लोभ और मोह से बुने जाल को काट दिया. <br />आत्मा मुक्त हुयी. <br />आनंदित हुयी. <br />__________________________________________<br />[सूरज एक, चन्दा एक, तारे अनेक गीत की धुन पर पिरोये विचार]प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-1260039827968788062010-10-10T02:23:31.343+05:302010-10-10T02:23:31.343+05:30या देवी सर्व भूतेषु सर्व रूपेण संस्थिता |
नमस्तस्य...या देवी सर्व भूतेषु सर्व रूपेण संस्थिता |<br />नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||<br /><br />-नव-रात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं-Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-50581895197639219822010-10-10T01:49:11.984+05:302010-10-10T01:49:11.984+05:30९९- जो अद्वैत सत्य ईश्वर है.- यो० प० १७, आ० ३
( सम...९९- जो अद्वैत सत्य ईश्वर है.- यो० प० १७, आ० ३<br />( समीक्षक ) जब अद्वैत एक ईश्वर है तो ईसाईयों का तीन कहना सर्वथा मिथ्या है . ॥ ९९ ॥<br />इसी प्रकार बहुत ठिकाने इंजील में अन्यथा बातें भरी हैं. सत्यार्थ प्रकाश पृष्ट ४१४, १३वां समुल्लास<br />परम विचार - यह देखो ऋषि का चमत्कार. इसे कहते हैं गागर में सागर. यह थोड़े से शब्द तेरी पूरी पोस्ट पे भारी हैं.<br />पादरी तूने क्या चखा है यह तेरे उत्तर से स्पष्ट हो जायेगा. तेरे पे ज्ञान की आत्मा उतरती हो तो दे इसका जवाब.PARAM ARYAhttps://www.blogger.com/profile/07013544056473438992noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-22633736847618178742010-10-10T01:49:03.729+05:302010-10-10T01:49:03.729+05:30९९- जो अद्वैत सत्य ईश्वर है.- यो० प० १७, आ० ३
( सम...९९- जो अद्वैत सत्य ईश्वर है.- यो० प० १७, आ० ३<br />( समीक्षक ) जब अद्वैत एक ईश्वर है तो ईसाईयों का तीन कहना सर्वथा मिथ्या है . ॥ ९९ ॥<br />इसी प्रकार बहुत ठिकाने इंजील में अन्यथा बातें भरी हैं. सत्यार्थ प्रकाश पृष्ट ४१४, १३वां समुल्लास<br />परम विचार - यह देखो ऋषि का चमत्कार. इसे कहते हैं गागर में सागर. यह थोड़े से शब्द तेरी पूरी पोस्ट पे भारी हैं.<br />पादरी तूने क्या चखा है यह तेरे उत्तर से स्पष्ट हो जायेगा. तेरे पे ज्ञान की आत्मा उतरती हो तो दे इसका जवाब.PARAM ARYAhttps://www.blogger.com/profile/07013544056473438992noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-52155376665114374922010-10-10T01:48:56.032+05:302010-10-10T01:48:56.032+05:30९९- जो अद्वैत सत्य ईश्वर है.- यो० प० १७, आ० ३
( सम...९९- जो अद्वैत सत्य ईश्वर है.- यो० प० १७, आ० ३<br />( समीक्षक ) जब अद्वैत एक ईश्वर है तो ईसाईयों का तीन कहना सर्वथा मिथ्या है . ॥ ९९ ॥<br />इसी प्रकार बहुत ठिकाने इंजील में अन्यथा बातें भरी हैं. सत्यार्थ प्रकाश पृष्ट ४१४, १३वां समुल्लास<br />परम विचार - यह देखो ऋषि का चमत्कार. इसे कहते हैं गागर में सागर. यह थोड़े से शब्द तेरी पूरी पोस्ट पे भारी हैं.<br />पादरी तूने क्या चखा है यह तेरे उत्तर से स्पष्ट हो जायेगा. तेरे पे ज्ञान की आत्मा उतरती हो तो दे इसका जवाब.PARAM ARYAhttps://www.blogger.com/profile/07013544056473438992noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-86481803689565345232010-10-10T00:48:36.065+05:302010-10-10T00:48:36.065+05:30प्रभु एक ही है : निराकार.......प्रभु एक ही है : निराकार.......दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-43048190128389016362010-10-10T00:30:40.874+05:302010-10-10T00:30:40.874+05:30उसका कोई जोड़ नहीं है !!!
ॐ शांति: शांति: शांति:उसका कोई जोड़ नहीं है !!!<br /> ॐ शांति: शांति: शांति:Anonymousnoreply@blogger.com