tag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post5149888764325417429..comments2023-08-21T20:08:03.188+05:30Comments on ॥ भारत-भारती वैभवं ॥: हिंसा की सम्भावनाओं पर माँसाहार और शाकाहार का तुलनात्मक अध्ययनAmit Sharmahttp://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-34783790061478429802012-01-04T17:19:21.496+05:302012-01-04T17:19:21.496+05:30वाह!! प्रतुल जी, बड़ा तीखा सवाल!!वाह!! प्रतुल जी, बड़ा तीखा सवाल!!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04417160102685951067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-34904051135844379002012-01-04T17:15:21.901+05:302012-01-04T17:15:21.901+05:30मुझे एक बात समझ नहीं आती... वो ये कि ....
– मीट क...मुझे एक बात समझ नहीं आती... वो ये कि .... <br />– मीट की दुकानें, <br />– मुर्गा-मछली की मार्केट और <br />– अंडा आमलेट के ठेले <br />आमतौर पर गंदे नाले के किनारे, <br />घूरे की ढेरी के पास, <br />खत्ते के करीब ही क्यों पाये [लगाए] जाते हैं?<br />... खाने और खरीदने वालों को भी नाक-मुँह सिकोड़ते नहीं देखा गया....क्या खाने वाले भी जानते हैं कि उनका भोजन किस स्तर का है? <br />लेकिन <br />— किसी करप्ट नेता को थप्पड़ पड़ने पर, <br />— पशुओं को पालतू बना उससे रोज़गार चलाने पर, <br />................ 'वायोलेंस' 'वायोलेंस' क्यों चिल्लाते हैं?प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-15843703367465580152012-01-04T05:08:51.106+05:302012-01-04T05:08:51.106+05:30शाकाहार के प्रसार के लिये कृतसंकल्प निरामिष ब्लॉग ...<a href="http://niraamish.blogspot.com/2012/01/no-violence-in-vegetarian-food.html" rel="nofollow">शाकाहार के प्रसार के लिये कृतसंकल्प</a> <b>निरामिष ब्लॉग पर माँसाहार और शाकाहार का तुलनात्मक अध्ययन पढना अच्छा लगा। </b> बहुत अच्छा प्रयास है, नववर्ष पर आपको हार्दिक शुभकामनायें!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1075080103501088483.post-11546456714870236212012-01-03T23:16:14.819+05:302012-01-03T23:16:14.819+05:30माँसाहार समर्थकों का यह मुख्य कुतर्क है कि वनस्पति...माँसाहार समर्थकों का यह मुख्य कुतर्क है कि वनस्पति में भी जीवन होता है इसलिए उन्हें आहार बनाने पर भी हिंसा होती है। आपने इसका उचित जबाब दिया है इसके लिए आभार !!!! निरामिष ब्लॉग के प्रथम वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई !!!!मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.com