गुरुवार, 28 मार्च 2013

प्राचीन समृद्ध भारत

हमारे वेदों, उपनिषदों तथा पुराणों में वर्णित विभिन्न जानकारीयों की सूचि ।

चिकित्सा विज्ञान

क्रम   ज्ञान  प्राचीन संदर्भ  आधुनिक संदर्भ
1 प्लास्टिक सर्जरी :  माथे की त्वचा द्वारा  नाक की मरम्मत  सुश्रुत (4000 - 2000 ईसापूर्व )            एक जर्मन विज्ञानी
 (1968 )
2 कृत्रिम अंग  ऋग्वेद (1-116-15)  20वीं सदी 
3 गुणसूत्र गुणाविधि - महाभारत 5500 ईसापूर्व  1860-1910 
4 गुणसूत्रों की संख्या 23  महाभारत -5500 BCE     1890 A.D.
5 युग्मनज में पुरुष और स्त्री गुणसूत्रों का संयोजन                         श्रीमदभागवत  (4000-2000 B.C.) 20th Century
6 कान की भोतिक रचना (Anatomy)                ऋग्वेद भागवत Labyrinth-McNally 1925
7 गर्भावस्था के दूसरे महीने में भ्रूण के ह्रदय की शुरुआत ऐतरेय उपनिषद   6000 BCश्रीमदभागवत   Robinson, 1972
8  महिला अकेले से वंशवृद्धि प्रजनन - कुंती और माद्री :- पांडव         महाभारत 5500 BC         20th Century
9  टेस्ट ट्यूब बेबी 

10   केवल डिंब(ovum) से ही           महाभारत   Not possible yet
11   केवल शुक्राणु से ही           ऋग्वेद महाभारत   Not possible yet
12    c) डिंब व शुक्राणु दोनों से  महाभारत  Steptoe, 1979
13 जीवन का अंतरिक्ष यात्रा में बढ़ाव श्रीमदभागवत   1652 BC       Not yet confirmed
14 कोशिका विभाजन (3 परतों में)     श्रीमदभागवत    1652 BC       20th Century
15 भ्रूणविज्ञान  ऐतरेय उपनिषद   6000 BC         19th Century
16 सूक्ष्म जीव                                        महाभारत  18th Century
17 पदार्थ उत्पादन प्रदत बीमारी की  रोकथाम  या  इलाज,  अल्प मात्रा में  श्रीमदभागवत    (1-5-33)    Hanneman,18thCentury
18 विट्रो में भ्रूण का विकास       महाभारत  20th Century
19 पेड़ों और पौधों में जीवन           महाभारत  Bose,19th century.
20 मस्तिष्क के 16 कार्य           ऐतरेय उपनिषद 19-20th Century
21 नींद की परिभाषा                  प्रशनोपनिषद  6000 BC , पतंजलि योगसूत्र   5000 BC      20th Century
22 जानवर की क्लोनिंग (कत्रिम उत्पति ) ऋग्वेद  ---
23  मनुष्य की क्लोनिंग मृत राजा वीणा से पृथु  अभी तक नही 
24 अहिरावण के  शरीर के तरल पदार्थ के रक्त में कोशिकाओं से क्लोनिंग पुराण  May 1999- Japan 
25 अश्रु - वाहिनी  आंख को नाक से जोडती है  Halebid,Karnataka के शिव मंदिर में  एक व्यक्ति को द्वार चौखट में दर्शाया गया है 20th century AD
26 कंबुकर्णी नली (Eustachian Tube आंतरिक कान को ग्रसनी (pharynx) से जोड़ती  है         
Halebid,Karnataka के शिव मंदिर में  शिव गणों  को द्वार चौखट में दर्शाया गया है 
20th century AD
27 गर्भावस्था के 5वे  महीने में भ्रूण को भूख और प्यास  श्रीमदभागवत    - 1652 BC अभी तक नहीं समझा जा सका 
28 मृत्यु आपान वायु पर निर्भर करती है जो गर्भावस्था के दुसरे महीने में प्रारंभ होती है  ऐतरेय उपनिषद- 6000BC अभी तक नहीं समझा जा सका
29 भ्रूण में सोचने की  क्षमता ऐतरेय उपनिषद 7000 BC Sept. 2009 Dr.Bruner

भौतिक विज्ञान

क्रम ज्ञान  प्राचीन संदर्भ  आधुनिक संदर्भ
1 प्रकाश का  वेग             ऋग्वेद -
सायण भाष्य (1400)                  
19th Century
2 ट्रांस सेटर्न देवता संबंधी या शनिग्रह विषयक ग्रह        महाभारत (5561 B.C)   17-19th Century
3 अन्य  सौर प्रणाली में  अंतरिक्ष यात्रा       श्रीमदभागवत     (4000 B.C)  परीक्षण में 
4 गुरुत्वाकर्षण        प्रशनोपनिषद  (5761 B.C)आदि शंकराचार्य  (500 B.C or 800 AD) न्यूटन 17th Century
5 पराबैंगनी बैंड              Sudhumravarna (मांडूक्य उपनिषद) -
6 अवरक्त बैंड (Infra-red Band) सुलोहिता मांडूक्य उपनिषद     -
7 Tachyons (एक कण) प्रकाश की तुलना में तेज   Manojava (मांडूक्य उपनिषद)      Sudarshan, 1968
8 परमाणु ऊर्जा Spullingini (मांडूक्य उपनिषद) 20th Century.
9 श्याम विविर (Black Holes) Vishvaruchi (मांडूक्य उपनिषद) 20th Century
10 ग्रीष्म संक्रांति में मानसून  ऋग्वेद (23720 B.C)         -
11 दक्षिण अमेरिका में हवाई जहाज द्वारा प्रवेश          वाल्मीकि रामायण   >7300 B.C          -
12 पिस्को,पेरू, दक्षिण अमेरिका की खाड़ी, में स्फुरदीप्त ट्रिडेंट    वाल्मीकि रामायण  Found in 1960 A.D.
13 हवाई जहाज  ऋग्वेद 15000BC
रामायण 7300 BC
महाभारत 5561 BC
समरांगण सूत्रधार (1050 A.D.)                
20th Century
14 रोबोट/यंत्रमानव समरांगण सूत्रधार 1050 AD रामायण -  कुम्भकर्ण 7300 BC 20th century
15 परमाणु (विभाज्य)              श्रीमदभागवत     (4000 B.C.) Dalton (Indivisible)1808 A.D.
16 उपपरमाण्विक कण (इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन) भागवत (4000 BC)परमाणु  Divisible -    Bequerel, 1897
Thomas Rutherford 1911
17 क्वार्क - एक कण                                         परम - महान  Dr. Jain Pyarelal 1980
18 ब्रह्मांड की  उत्पत्ति (नासदीय सूत्र ) ऋग्वेद (>10000 B.C.) Gamaow, et.al (1950) Sir Bernard Lowell 1975
19 परमाणु बम महाभारत ब्रह्माश्त्र  3rd Nov.5561 B.C 6th Aug.1945 A.D.
20 ध्वनि ऊर्जा पाउडर सामग्री के लिए  महाभारत (Vajrastra) Gavreau, 1964
21 पारा हवाई जहाज के लिए ऊर्जा स्रोत के रूप में   समरांगण सूत्रधार 1050AD Indian Express, 20-10-1979 
22 उत्तरी ध्रुव वाल्मीकि रामायण 7000BC Piery, 1909 A.D
23 दक्षिणी (Antartica) रावण वाल्मीकि रामायण >7300 BC  Piery, 1950 A.D
24 ब्रह्मांड में व्याप्त मौलिक तत्व          ऋग्वेद (>10000 B.C.) (अम्भ)     20th Century  (Ylem)
25 मौलिक तत्व की रचना (अभू नासदीयगैसिय कण/बूंदें ऋग्वेद (>10000 B.C)      Gammow, 1950
26 जल का  प्राकृतिक चक्र ऋग्वेद &  वाल्मीकि रामायण 19th Century
27 विद्युत एकदिश वाह (DC) मित्र वरुण तेज/शक्ति, अगस्त्य   18th Century
28 विद्युत के द्वारा जल विश्लेषण (2H2 + O2)  प्राण वायु + उदान वायु   - अगस्त्य   19th Century
29 विद्युत आवरण/लेपन             अगस्त्य   19th Century
30 गुब्बारे में H2 (उदान वायु) भर कर उड़ना  अगस्त्य  
31 वेगा 12000 ई.पू. के दौरान ध्रुवतारा बना  महाभारत (Vanaparva 230) 20th Century
32 सूरज की किरणों में सात रंग        ऋग्वेद (8-72-16)          
33 सूर्य पर काले धब्बे वाल्मीकि रामायण & तथा वेद >7300         
34 सागर पर अस्थायी पुल  वाल्मीकि रामायण 26-30 October 7292 BC            
35 विषुव और संक्रांति       ऋग्वेद (10-18-1)  25000BC          
36  उल्का (Meteors) "उल्का" अथर्ववेद (19-9)  7000BC
37 पाइथागोरस प्रमेय (बौधायन प्रमेय) शुल्ब सूत्र  (800 BC)     पाइथागोरस , 500 BC
38 धूमकेतु/पुच्छलतारा  ऋग्वेद , (मुल नक्षत्र)
वाल्मीकि रामायण 7000BC 
(मुल नक्षत्र)
 महाभारत 5561 BC (पुरुष नक्षत्र)   

39 Aldebaren (एक विशाल तारा) में मंगल ग्रह                      वाल्मीकि रामायण 7000 BC                    अभी तक पुनः घटित नही हुआ 
40 Aldebaren में शनि  महाभारत 5561 BC अभी तक पुनः घटित नही हुआ 
41 तारों का श्वास लेना  ऋग्वेद (नासदीय सूत्र ) Gamov, 1950
42  एक तारे में ऊष्मा तथा गुरुत्व का उत्पादन  ऋग्वेद (नासदीय ) Gamov, 1950
43 स्रष्टि उत्पति का क्रम :-अंतरिक्ष, गैस, गर्मी/अग्नि , पानी, और पृथ्वी/ठोस  ऋग्वेद तैत्तिरीय उपनिषद् -
44 पृथ्वी की आयु  महाभारत पुराण 
3.456 X 10^10 years 
Salim, Jogesh Pati, 1980
10^10 years -Sir Lowell
45 इलेक्ट्रॉन की  आयु  1.2 x 10^15 years -
46 प्रोटॉन की आयु  1.9 x 10^25 years 10^30 years
47 राशि चक्र के 12 लक्षण/चिन्ह  ऋग्वेद 23920 BCप्रशनोपनिषद  5761 BC 400 BC
48 विशिष्ट गुरुत्व के अनुसार वातावरण की परतें वाल्मीकि रामायण (Kish.8) 
49 माइक्रोस्कोप महाभारत - शांति पर्व 15/26(5500 BC)       16th Century
50 चश्मा (उपनेत्र)    आदि शंकराचार्य -अपरोक्ष अनुभूति 81
कम से कम  8 वी सदी             
16th Century
51 ग्रहों पर अलग अलग समय के पैमाने महाभारत /श्रीमदभागवत     /व्यास जी >1600BC 20th century.
52 जंग न लगने वाला लोह पदार्थ  ईसाई युग की शुरूआत not yet done
53 संगीतीय  पत्थर के खम्भे  1000 AD और पूर्व  not yet done
54 Stationary Sun  appears   moving            Arya Bhatta-  First century AD 16th century
Jnaneshwar 13 century AD
55 No land, only sea, between The Pillar of Somnath Temple & Antarctica 10th century AD. 20th century AD
56 अफ्रीका के  जिराफ कोणार्क सूर्य मंदिर में नक्काशी 10वी सदी पूर्व  15th century AD
57 रंग प्रौद्योगिकी अजांता रंग क्षीण नही  होता   आधुनिक रंग क्षीण  होता है  
58 नक्काशी प्रौद्योगिकी  एलोरा में  शिव मंदिर एक पहाड़ी से 2000 साल पहले नक्काशीदार बनाया गया  not done
59 ध्वन्यात्मक/ध्वनिप्रधान लिपि (Phonetic script) वेद > 23000 BC not done
60 सूर्यग्रहण - कारण वेद > 23000 BC 16th century
61 पूर्ण ग्रहण की समाप्ति ऋग्वेद सौर नेत्र  Diamond ring                    
62  अरुंधति वशिस्ठ (तारों के नामके आगे महाभारत 5561 BC 2011 AD
63 अभिजीत (वेगा/तारे ) की  फिसलन  महाभारत 5561 BC में गिरावट, 20,000 ईसा पूर्व में शुरू हुआ recently noted
when? not known.
64 सप्ताह प्रणाली तैतरीय सहिंता  8357 BC A.D.
65 सप्ताह नाम  तैतरीय सहिंता  8357 BC A.D.
66 विभिन्न ग्रहों की  दूरी तैतरीय सहिंता 8357 BC 16th century
67 नये  चंद्रमा दिन का कारण वेद > 20,000 BC Wrong name-Moon not new
68  सभी ग्रहों पर ग्रहण देखा जा सकता है  वेद > 20,000 BC 2009 AD
69 बुद्धि/विचार मस्तिष्क से भिन्न  (Mind different from brain) वेद > 20,000 BC 2009 AD
70 मृत्यु के बाद जीवन वेद > 20,000 BC not sure still.
71 भ्रूण का स्थानांतरण Sankarshana >5626 BC 20th century.
72 Out of Earth Ambareesh [thrown (EEsh) in sky (Ambar)]  Vishwamitra >Ramayan of 7300 BC 1956 AD.
73 डायनासौर की सूचना  महाभारत 5500 BC 20th century
74 मन/बुद्धि(mind)  की क्लोनिंग      ऋग्वेद कहता है - यह असंभव  है !!! करने का स्वप्न देख रहे है :D -
 मुर्ख कभी नही कर पाएंगे !!
75 वर्ग घन मूल आदि  यजुर्वेद रूद्र > BC era 16th century


उपरोक्त संपूर्ण जानकारी डाo पद्माकर विष्णु वार्ताक द्वारा हमारे शाश्त्रों पर गहन शोध कर प्राप्त की गई है । 
तथा वे उपरोक्त पर प्रमाण सहित अनेकों पुस्तकें लिख चुके है यहाँ देखें  

जब हमारे पूर्वज सम्पूर्ण ज्ञान पुस्तकों में समाविष्ट कर चुके थे तब विदेशी जाती अस्तित्व में ही नही थी । उस समय विदेशी धरती 1 किमी मोटी  बरफ के निचे थी  --referred to as the quaternary ice age.


डाo पद्माकर विष्णु वार्ताक द्वारा बनाई गई ग्रन्थ समय तालिका अवश्य देखें |

इस महान कार्य के लिए हम उनका ह्रदय से धन्यवाद करते है |

दोष अंग्रेजों द्वारा चलाई हमारी आधुनिक शिक्षण पद्धति का है जिसमे हमें यह सोचने पर मजबूर किया गया की हमारे पूर्वज आदि वासी - जंगली जीव थे, कंद मूल खाते थे । किन्तु उनके कंद मूल खाने में हमें यह नही दीखता प्रकृति प्रदत कंद मूल फल आदि में विटामिन्स, खनिज आदि भरपूर मात्र में होते है जो पकाने से नष्ट हो जाते है और पकाने की प्रक्रिया में प्रकृति का कितना नुकसान होता है । 
उन जंगलियों का ही कमाल है की आज गोरे उनकी लिखी धर्म पुस्तकों को 5-5 6-6 बार पढ़ चुके है फिर भी गूढ ज्ञान उनके भेजे में नही घुस रहा ।
भारतीय संस्कृति से सदेव राक्षसों को ईर्ष्या  रही है : ऐसे किस्से हमें पुराणो आदि में मिलते रहते है । परन्तु आज हमें देखने को भी मिल रहे है |  इससे पुराणों के वे किस्से स्व सिद्ध हो जाते है |
जब तक विदेशी और उनके एजेंट सत्ता में रहेंगे तब तक यही चलता रहेगा  |
महान आचार्य चाणक्य ने एक बार कहा था की जब कभी कोई विदेशी व्यक्ति तुम्हारे देश अथवा राज्य पर शासन करने लगे तो सचेत हो जाओ अन्यथा उन देश की सभ्यता का पतन निश्चित है ।
  
हमारे ग्रन्थ रूपी ज्ञान के भंडार कई तो नष्ट किये  जा चुके है, तक्षशिला तथा नालंदा विश्वविधालयों की समस्त पुस्तकें ईर्ष्या  वश अग्नि की भेंट चढा दी गई तथा यवनों के आक्रमण के समय कई महीनो तक  यवनों का नहाने का पानी पुस्तकों को चूल्हे में दे दे कर गर्म होता रहा |

एक बार एक अंगेज ने एक भारतीय से कहा : तुम लोगो को आता ही क्या ?
हर चीज तो हमारे देशों से इम्पोर्ट करते हो ।
भारतीय बोला : पहले तो तु  हमारा शून्य, बाइनरी संख्या, परमाणु बम का आईडिया, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का आईडिया,विमान शास्त्र, योग विज्ञान और भारत से लुटा हुआ सेंकडों जहाज स्वर्ण, रजत , हीरे आदि लौटा और धो कर आ । फिर बात कर । 

मित्रों, भाइयों व बहिनों अब समय आ गया है हमें भी वेदों की और कूच करनी चाहिए |

11 टिप्‍पणियां:

  1. आपका लेखन हमें अपने गौरवशाली अतीत की याद दिलाता है. लेकिन मै सिर्फ अतीतजीवी बन कर नहीं रह सकता. अगर हम आज की स्थिती देखे तो हमारे आस पास ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है जो हमारा अविष्कार हो. ये कंप्यूटर, टेबल, कुर्सी, पलंग, पंखा, कलम, टूथ-ब्रश, टूथ-पेस्ट, साबुन, सीमेंट, मोटर, गाडी यह सब कुछ पश्चिम का अविष्कार किया हुआ है. और उनका तकनीकी रूप से विकसित होना तथा हमारा पिछड़ापन हमारी गरीबी का भी कारण है. तो यह एक अनुसंधान का विषय होना चाहिए की हमारा अतीत इतना गौरवशाली होने के बावजूद वर्तमान के दौर में हम क्यों पिछड़ गए. मुझे विश्वास है की हमारे पास वह है जो हमें फिर से अब्बल बना सकता है. सिर्फ हम विस्मृत हो गए है. अपनी संभवानाओं से.

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    1. aap ne sahi kaha vyaas ji,
      hamare pichadne ka karan hai mughlo ki lagbag 700 varsh ki tatha angrejon ki 200 varsh ki lut-shadyantra-atyachar- aadi aadi . aisi bahut si sabhyaatayen thi jo matra 100-50 varshon me hi in rakshashon dawara nast kar di gyi. ham bhagyashaali h jo 900 varshon k prayason k baad bhi hamari sanskriti jivit hai.

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    2. गौरवशाली अतीत प्रेरणा देता है कि सामर्थ्य को विस्मृत न करें, सम्भावनाएँ शेष है।

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    3. sugya ji, krapya ye bataye ताजमहल की असलियत भाग -9 abhi prakashit hona shesh hai kya ? me 8 tak padh chuka hu.

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    4. हां, पवन जी, 'ताजमहल की असलियत ... एक शोध -- 9' अभी प्रकाशित होना शेष है। शायद प्रतुल जी व्यस्त है और समय मिलते ही इस श्रखंला की अगली कडियाँ प्रकाशित करेंगे।

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    5. सुज्ञ जी, आपने एक लम्बे अंतराल से शांत बैठी मंडली में 'भारत का गौरव गान' गाकर कंपन ला दिया है। श्री पवन कुमार खत्री जैसे विद्वान लेखक से परिचय अपने परिवार के लिए गौरव की बात है। अब रही 'ताजमहल की असलियत' के शेष भाव की ...आप सही कहते हैं ... उसे अतरिक्त समय पाते ही दूँगा।

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    6. ताजमहल की असलियत लेख उपलब्ध करवाने के लिए आपका धन्यवाद |
      और कृपया मुझे विद्वान लेखक जैसी संज्ञा न दें । मेने यह सारणी श्री वार्ताक जी की साईट से प्राप्त की है इसमें मेरा कोई योगदान नही ।
      https://sites.google.com/site/vvmpune/achievements-of-the-ancients-hindus/aa
      धन्यवाद ।

      हटाएं
  2. पवन जी और उनके ब्लॉग का स्वागत है।
    आत्म-गौरव अत्यावश्यक है, तभी विगत गौरव से प्रेरणा पाकर वर्तमान और भविष्य भी गौरवशाली हो सकेगा।

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  3. सर जी आप मेरी रीडिग लिस्ट में हैं आपको पढ़ना मैं अपना सौभाग्य मानूंगा यदि अवकाश मिले तो विक्रम वेताल 10/ नमकहराम गंभीरता से देखने का कष्ट करें।

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  4. सर जी आप मेरी रीडिग लिस्ट में हैं आपको पढ़ना मैं अपना सौभाग्य मानूंगा यदि अवकाश मिले तो विक्रम वेताल 10/ नमकहराम गंभीरता से देखने का कष्ट करें।आपकी रूचि महाभारत में है अतः दुर्योधन के मृत्यु का वरदान या श्राप का कारन विस्तार से मेल करने की कृपा करें .

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