माँसाहार : रोग सम्भावना
आहार ही औषध |
अलज़ाइमर |
मांसाहार से प्राप्त प्रोटीन एक समस्या नहीं, बल्कि समस्याओं की कतार ही खड़ी कर देता है। प्राणीजन्य प्रोटीन, पूर्वसक्रिय और सेच्युरेटेड होता है, जिसके सेवन से मस्तिष्क में बीटा-अमाइलायड (Beta-Amyloid) नामक प्रोटीन संचित होता है, जो अल्जाईमर रोग के लिए जिम्मेदार होता है। इसके उलट फल और सब्जियों में पॉलीफिनाल पाया जाता है, जो इस हानिकर प्रोटीन को जमने से रोकता है। गॉलब्लैडर की पथरी और गुर्दे की पथरी नामक व्याधियों का कारण यह प्रोटीन, न केवल कैल्शियम के संचित कोष को खाली करता है, अपितु वृक्क (किडनी, गुर्दे) से अनावश्यक और अत्यधिक श्रम लेकर, उसे बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर देता है।
कारण सहित सभी सम्भावित रोगों के बारे में जानकारी……निरामिष पर
बहुत अच्छी जानकारी मिली ..
जवाब देंहटाएंतर्कसम्मत आलेख ....
जवाब देंहटाएंस्वास्थ्य के लिये शाकाहार ही सर्वोत्तम है... इसका अनुभव अपने जीवन में स्वयं किया है..
जब भी शाकाहारी लोग बीमार पड़ते हैं... उनके कारण होते हैं :
— अति आहार ...
— असमय आहार....
— स्वाद-आसक्ति में अनुचित मेल का आहार...
— स्वास्थ्य के प्रति अचेतनता.... आरामपसंद जीवन, विलासी जीवन, भोगमय जीवन.... अतिकामुकता.
बदहजमी, अपच और कोष्ठबद्धता आदि से होते हुए ही बीमारियाँ शरीर में प्रविष्ट होती हैं... इसलिये शाकाहार में शामिल खाद्यों को भी समय और संतुलित मात्रा में सेवन करना चाहिए.
इतना अवश्य है कि शाकाहार कभी जीव-ह्त्या को प्रेरित नहीं करता... हम देख सकते हैं...
प्रायः जितने भी शाकाहारी जीव (पशु) हैं वे बिना वजह किसी अन्य जीव को नहीं मारते..और न ही सताते हैं.
... इसे दृष्टांत समझ कर भी हम समस्त निरामिष जीवों के स्वभाव को समझ सकते हैं.