मंगलवार, 2 नवंबर 2010

प्राचीन को बचाइये पहना नवीन आवरण

प्राचीन पर नवीन का हो गया है आक्रमण.
प्राचीन को बचाइये पहना नवीन आवरण.


भूत में सोचा भविष्य है बना हुआ नवीन
आज, कल नवीनता से वह भी होगा विहीन.


आज तुम नवीनता से होकर हर्षातिरेक
चमक को स्वीकारते  नकारते हो चिर विवेक.

3 टिप्‍पणियां:

  1. प्रतुल जी,

    सार्थक,जाग्रतिप्रेरक!!

    चमक को स्वीकारते नकारते हो चिर विवेक.

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  2. प्रतुल जी,

    अफ़सोस इसी बात का है की लोग आज की चमक धमक में खो से गए हैं। प्राचीन ज्ञान का भण्डार, ऐश्वर्य और संस्कार को बिसरा कर , झूठ और लालच पर टिके इस रेत के टीले ज्यादा मन मोह रहे हैं।

    लेकिन देर-सवेर समझेंगे सभी।

    There is a proverb in English which goes thus -- " All that glitters , is not gold ".

    .

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